आज 21 अप्रैल और 22 अप्रैल को आसमान में आपको एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। जी हां, इन दो दिनों के दौरान आसमान में तारों की बारिश यानि लिरिड्स उल्काओं की बारिश होने वाली है, जिसे आप अपनी आंखों से देख सकेंगे।
इसे देखने के लिए आपको किसी भी टेलीस्कोप की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। लिरिड्स मीटिओर शॉवर के दौरान टूटते तारों जैसी चमकीली लकीरें आसमान को सजाएंगी।
ये खगोलिया घटना कई सालों बाद वापस लौट रही है, इसका दीदार का अवसर मिलना किसी सौभाग्य से कम नहीं। वैज्ञानिक जहां इसे अंतरिक्ष की रोमांचक घटना मानते हैं तो वहीं ज्योतिषाचार्य इसे ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं के जागरण का संकेत मानते हैं।
मांगी गई इच्छाएं होंगी पूरी!
कहा जाता है कि जब आकाश से उल्काएं गिरती हैं तो उस समय मांगी गई इच्छाएं ब्रह्मांड द्वारा स्वीकार होती हैं। ऐसे में ये रात न केवल देखने लायक होगी, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम भी बन सकती है।
Lyrids दरअसल Lyra तारामंडल से आते हैं। यह तारामंडल Vega नामक तारे के पास मौजूद है। लिरिड्स उल्काओं की बारिश सबसे पुरानी उल्का बारिश के रूप में जानी जाती है। यह 2700 साल पहले रिकॉर्ड की गई थी।
बता दें कि Lyrids वे अवशेष हैं जो एक धूमकेतु, जिसका नाम Comet Thatcher (C/1861 G1) है, से निकले हैं। यह कॉमेट हर 415 साल में सूरज का एक चक्कर पूरा करता है।
धूमकेतु अपने पीछे धूल का एक गुबार छोड़ता जाता है। इसी गुबार से जब इसके टुकड़े तेज गति से गुजरते हुए पृथ्वी के वायुमंडल से टकराते हैं तो तेज रोशनी पैदा करते हैं।
19 अप्रैल से 29 अप्रैल तक होगी तारों की बारिश
NASA के अनुसार, यह उल्का बारिश 19 अप्रैल से शुरू हो जाएगी जब आसमान में रात के अंधरे में उल्का गिरतीं देखी जा सकेंगी। लेकिन यह शुरुआती दौर में धीमी रहेगी।
फिर 21, 22 अप्रैल को यह अपने चरम पर होगी। 22 अप्रैल को सबसे ज्यादा उल्काएं गिरती देखी जा सकेंगी। सुबह के समय 3 बजे से 5 बजे तक यह नजारा देखा जा सकेगा।
उल्का बारिश 29 अप्रैल तक चलेगी और फिर बंद हो जाएगी। लिरिड उल्का बारिश को सबसे पहले चीन में 687 B.C.E. में देखा गया था।
नासा के अनुसार, लिरिड मीटिओर शॉवर के दौरान पीक समय में हर घंटे कम से कम 18 उल्काएं गिरतीं देखी जा सकती हैं। इनकी स्पीड 29 मील प्रतिघंटा तक होती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से क्या है महत्व
उल्का वर्षा को अक्सर आकस्मिक परिवर्तन, अंतर्दृष्टि और अदृश्य शक्तियों के संकेत के रूप में देखा जाता है।
यह समय ध्यान, प्रार्थना, और आत्म-मंथन के लिए उपयुक्त होता है। विशेषकर जिनकी जन्मकुंडली में वृश्चिक, कुम्भ या सिंह राशि प्रभावशाली है, उनके लिए यह रात विशेष फलदायी हो सकती है।
विश मांगते समय यह करें
जैसे ही कोई उल्का (टूटता तारा) दिखे, मन ही मन अपनी विश बोले। आंखें बंद करें, और 5 सेकंड के लिए उस विश को अपने दिल में अनुभव करें। मानिए कि वह पहले से पूरी हो चुकी है।
कब देखें: 21 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक आप इसे देख सकते हैं। सबसे अच्छा समय रात 2 बजे से सूर्योदय तक रहेगा।
आप इसे पूर्वोत्तर दिशा में Lyra नक्षत्र के पास (Vega तारे की ओर) देख सकते हैं। इसके लिए आपको ऐसी खुली जहग में रहना होगा जहां कृत्रिम रोशनी कम हो।