पर्यटक नगरी मनाली में करीब 10 हजार फुट की ऊंचाई पर बर्फ की दीवार को काटकर बनाया देश का पहला इग्लू आज भी सैलानियों को खूब लुभा रहा है। बर्फ से बने घर में एक रात गुजारने के लिए देश-विदेश के पर्यटक मनाली से 16 किलोमीटर दूर हामटा पहुंच रहे हैं। स्थानीय युवाओं की और से इस इग्लू को यहां तैयार किया गया है।
आज से कुछ वर्ष पहले युवाओं ने इग्लू को यूं ही तैयार किया था। धीरे-धीरे यह सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया और आज यहां सैलानी रहने के लिए भी पहुंचते है।
इन दिनों भी इग्लू में रहने के लिए सैलानी दूर-दूर से बुकिंग करवा रहे हैं। इग्लू को तैयार करने वाले युवा विकास कुमार की मानें तो पहले बर्फ में इस घर को शौकिया तौर पर बनाया गया था, लेकिन अब इसे ईको टूरिज्म से जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन दिनों भी सैलानी यहां इग्लू में रहने के लिए पहुंच रहे हैं। लोगों को यहां खाने की भी सुविधा दी जा रही है।
देश-विदेश से आने वाले सैलानी यहां परिवार के साथ भी इग्लू में रुकना बेहद पंसद करते हैं। बर्फ से बने इन घरों में रुकने का अपना ही एक अनुभव है। बता दें कि फिनलैंड, नार्वे, स्वीडन, इंग्लैंड और ऑस्ट्रिया में ऐसे ही व्यावसायिक इग्लू का प्रचलन है। मनाली के सेथन में बनाए इग्लू तक पहुंचना बेहद रोमांचक है।
प्रीणी गांव से सेथन तक लगभग 14 किलोमीटर का रास्ता बर्फ के बीच से होकर जाता है। यहां जिप्सी के माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है, क्योंकि बर्फबारी के चलते छोटे वाहन बर्फ में जा नहीं सकते। मनाली पहुंचने वाले पर्यटक बर्फ से बने घर को खुब पसंद कर रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रीणी गांव के युवाओं ने इग्लू बनाया है।
उन्होंने बताया कि इग्लू बनाना आसान काम नहीं है। इसे बनाने के लिए तापमान ठीक होना चाहिए। तभी इग्लू को तैयार करने में समय भी कम लगता है। इस बार अभी तक तीन की इग्लू तैयार किए गए हैं। इस बार तापमान में काफी अधिक गिरावट है।
इस कारण से जहां पहले एक इग्लू को तैयार करने में चार दिन लगते थे, वहीं इस बार 10 दिन का समय लग रहा है। इग्लू संचालक विकास कुमार ने बताया कि इसमें पर्यटकों के लिए रहने और खाने-पीने की सभी सुविधाएं हैं। यहां पहुंचे दिल्ली व मुंबई के पर्यटक निधि व आदित्य सागर ने बताया कि यहां पहुंच कर एक अलग ही अनुभव का एहसास होता है। हमें पता चला तो अपने बच्चों के साथ यहां पहुंचे हैं।
इग्लू संचालक विकास ने बताया कि रात में बाहर का तापमान शून्य से 12 से 14 डिग्री तक जाने के बावजूद अंदर का तापमान शून्य या इससे कम रहता है। इग्लू के अंदर रजाई-कंबल के अलावा गर्म पानी की बोतल की व्यवस्था रहती है। इसके अलग से डाइनिंग हॉल में तंदूर सेंकने की व्यवस्था की गई है।